मुस्कुरा कर मैं दर्द बया करता रहूँ,
तेरे हर सितम पे मैं वाह वाह करता रहूँ ।
वो बस तेरी यादें ही है,
जो मुझे रुला कर हंसाती है ।
खामोश रह कर सजा काट ते रहे गुनाह हो की,
बस कसूर इतना था के बे कसूर थे हम ।
खुदा ने लिखा ही नहीं तुझे मेरी किस्मत में,
वरना खो दिया बहुत कुछ कुछ तुझे पाने के लिए ।
पूछा जो हमने किसी और के होने लगे हो तुम,
वो मुस्कुरा के बोले पहले कब तुम्हारे थे हम ।